नानक से पहले कोई सिक्ख नहीं था ।
जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था ।
मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था ।
ऋषभदेव से पहले कोई जैनी नहीं था ।
बुद्घ से पहले कोई बुद्धिस्ट नहीं था ।
क्लार मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहीं था ।
लेकिन :--कृष्ण से पहले ।राम से पहले ।जमद्गनि से पहले ।अत्री से पहले ।अगस्त्य से पहले ।पतञ्जलि से पहले ।कणाद से पहले ।याज्ञवलक्य से पहले ।
सभी सनातन वैदिक धर्मी थे !
⚓क्योंकि एक व्यक्ति विशेष के द्वारा तो मत; पंथ; सम्प्रदाय; रिलिजन; आदि चला करते हैं । धर्म किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं चला करता|
वह ईश्वर ने सभी मनुष्यों को आज से १ अरब, ९६ करोड, ८ लाख, ५३ हजार, ११५ वर्ष पुर्व समान रूप से वेद के संविधान रूप में दिया है ।
लेकीन वेदो की आज्ञा का उल्घन कर भारत मे महाभारत का युद्ध रचा गया !!
परिणाम:- उसके उपरान्त विगत 2,500-3,000 वर्षो से आज तक 3,000 से भी अधीक मत-पंथ, समप्रदाय, पुजा-पद्दतीया बन चुकी है, ओर उन सभी का दावा है-की उनके गुरू भगवान प्रेरक के द्वुरा बताया गया "ग्रंथ" मत-पंथ, समप्रदाय, पुजा-पद्दतीया विश्व मे सर्वश्रेष्ट है____
उन सभी से एक आसान सा सवाल ???
क्या ??? आपके मत-पंथ, समप्रदाय, के प्रवर्तक को साइंस, ज्योग्राफी, फिजीक्स, बायो, केमेस्ट्री, काॅमर्स, इंजरियंग, खगोलशास्त्र, गणीत, विमानशास्त्र, जेसे आधुनीक विषयो का ज्ञान था ? अगर था तो अपने "धर्मग्रंथो" मे बताऐ ??
नही तो किसी अल्पज्ञ को देवता यॉ देवदूत क्यो मानते हो ???
ईश्वर----तो सर्वज्ञ है---- उसने सृष्टी के प्रारम्भ मे हीे मानव मात्र के कल्याण के लिऐ वेदौ के माध्यम से----- साइंस, ज्योग्राफी, फिजीक्स, बायो, केमेस्ट्री, काॅमर्स, इंजरियंग, खगोलशास्त्र, गणीत, विमानशास्त्र, जेसे आधुनीक विषयो की सम्पुर्ण जानकारीयाकुट-कुट करके भरी है ???
इसका सबसे ताजा उदहारणा है------महर्षी दयानन्द सरसवती द्वुारा रचित "ऋग्वेदादी भाष्यभुमीका" व "विमानशास्त्र" के आधार पर राॅइट बंधुऔ से भी ११ वर्ष पुर्व विमान बनाने वाले शिवकर बापुजी तलपदे पर बनी फिल्म "हवाजादे" !!!
अपनी अंतर आत्मा मे उठती परमपिता परमात्मा की आवाज सुनो छोटे-छोटे मत-पंथ समप्रदाय का त्यागें करे ओर सत्य सनातन "वैदीक धर्म" की ओर लोट चलो |
जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था ।
मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था ।
ऋषभदेव से पहले कोई जैनी नहीं था ।
बुद्घ से पहले कोई बुद्धिस्ट नहीं था ।
क्लार मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहीं था ।
लेकिन :--कृष्ण से पहले ।राम से पहले ।जमद्गनि से पहले ।अत्री से पहले ।अगस्त्य से पहले ।पतञ्जलि से पहले ।कणाद से पहले ।याज्ञवलक्य से पहले ।
सभी सनातन वैदिक धर्मी थे !
⚓क्योंकि एक व्यक्ति विशेष के द्वारा तो मत; पंथ; सम्प्रदाय; रिलिजन; आदि चला करते हैं । धर्म किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं चला करता|
वह ईश्वर ने सभी मनुष्यों को आज से १ अरब, ९६ करोड, ८ लाख, ५३ हजार, ११५ वर्ष पुर्व समान रूप से वेद के संविधान रूप में दिया है ।
लेकीन वेदो की आज्ञा का उल्घन कर भारत मे महाभारत का युद्ध रचा गया !!
परिणाम:- उसके उपरान्त विगत 2,500-3,000 वर्षो से आज तक 3,000 से भी अधीक मत-पंथ, समप्रदाय, पुजा-पद्दतीया बन चुकी है, ओर उन सभी का दावा है-की उनके गुरू भगवान प्रेरक के द्वुरा बताया गया "ग्रंथ" मत-पंथ, समप्रदाय, पुजा-पद्दतीया विश्व मे सर्वश्रेष्ट है____
उन सभी से एक आसान सा सवाल ???
क्या ??? आपके मत-पंथ, समप्रदाय, के प्रवर्तक को साइंस, ज्योग्राफी, फिजीक्स, बायो, केमेस्ट्री, काॅमर्स, इंजरियंग, खगोलशास्त्र, गणीत, विमानशास्त्र, जेसे आधुनीक विषयो का ज्ञान था ? अगर था तो अपने "धर्मग्रंथो" मे बताऐ ??
नही तो किसी अल्पज्ञ को देवता यॉ देवदूत क्यो मानते हो ???
ईश्वर----तो सर्वज्ञ है---- उसने सृष्टी के प्रारम्भ मे हीे मानव मात्र के कल्याण के लिऐ वेदौ के माध्यम से----- साइंस, ज्योग्राफी, फिजीक्स, बायो, केमेस्ट्री, काॅमर्स, इंजरियंग, खगोलशास्त्र, गणीत, विमानशास्त्र, जेसे आधुनीक विषयो की सम्पुर्ण जानकारीयाकुट-कुट करके भरी है ???
इसका सबसे ताजा उदहारणा है------महर्षी दयानन्द सरसवती द्वुारा रचित "ऋग्वेदादी भाष्यभुमीका" व "विमानशास्त्र" के आधार पर राॅइट बंधुऔ से भी ११ वर्ष पुर्व विमान बनाने वाले शिवकर बापुजी तलपदे पर बनी फिल्म "हवाजादे" !!!
अपनी अंतर आत्मा मे उठती परमपिता परमात्मा की आवाज सुनो छोटे-छोटे मत-पंथ समप्रदाय का त्यागें करे ओर सत्य सनातन "वैदीक धर्म" की ओर लोट चलो |
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