विश्वभर में आस्था के लिए लाखों
लोगों के एकत्र होने के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन सिंहस्थ कुंभ का मंगलवार
को विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से जब माघ के
महीने में सूर्य और बृहस्पति एक साथ सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तब
नासिक और त्र्यंबकेश्वर में कुंभ का आयोजन होता है। लगभग तीन लाख लोगों के
नासिक और त्र्यंबकेश्वर में इस धार्मिक आयोजन में पहुंचने की संभावना है।
कुंभ को सबसे बड़े शांतिपूर्ण सम्मेलन के
तौर पर जाना जाता है। कई अखाड़ों के साधु और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग
लेते हैं। यह उत्सव 58 दिनों तक चलेगा और 25 सितंबर को खत्म होगा। शाही
स्नान की तिथियों पर नासिक में लगभग 80 लाख और त्र्यंबकेश्वर में 25-30 लाख
लोगों के जुटने की संभावना है। आइये जानते हैं इसके मुख्य स्नान के बारे
में।
1. नासिक में शाही स्नान 29 अगस्त, 13 सितंबर और 18 सितंबर को होगा।
2. त्र्यंबकेश्वर में शाही स्नान की तिथि 29 अगस्त, 13 और 25 सितंबर हैं।
कुंभ मेले का आयोजन हरिद्वार, इलाहाबाद
(प्रयाग), नासिक और उज्जैन में किया जाता है। हिन्दू पौराणिक मान्यता के
अनुसार, देवताओं और दैत्यों के बीच अमृत कुंभ को लेकर संघर्ष हुआ था जिसके
बाद इन चार स्थानों में अमृत कुंभ से कुछ बूंदें गिर गई थीं।
हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से यह हर 12 साल
में महाकुंभ का आयोजन होता होता है। इस बार 2016 में इसका आयोजन उज्जैन में
होगा। धारणा है कि कुंभ के दौरान इन स्थानों में नदियों में पवित्र स्नान
करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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