Thursday, July 30, 2015

ईरान आर्यों का देश

 ईरान और भारत सांस्‍कृतिक दृष्टि से भी एक-दूसरे के बहुत निकट हैं। ईरान मूलत: आर्यान अर्थात् आर्यों का देश माना जाता है। ईरान का इतिहास बड़ा गौरवशाली है, जिसमें दारूस द ग्रेट (700 ई.पू.) जैसे सम्राट हुए जिन्‍होंने विश्‍व का पहला मानवाधिकार दस्‍तावेज जारी किया था। आज ईरान अंतरर्विरोधी स्थितियों में है। देश पर धर्म का गहरा प्रभाव है। यहाँ मध्‍य और उच्‍च वर्ग अत्‍यधिक संपन्‍न हो गया है। जिसका झुकाव पश्चिमी संस्‍‍कृति की ओर है।

मैं ईरान के लगभग दस शहरों में गया और इस बीच ईरान के चारों कोने देखने का मौका मिला। पूरे देश में ऐतिहासिक इमारतों को बहुत अच्‍छे ढंग से सुरक्षित रखा गया है। ईरान की स्‍थापत्‍य कला और विशेष रूप से ईरानी टाईल्‍स वर्क पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसमें रंगों और आकारों का संयोजन बहुत ही कलात्‍मक ढंग से किया जाता है। 

पूरे ईरान में भारत और भारतवासियों के प्रति प्रेम और सम्‍मान का भाव है। हिन्‍दी फिल्‍में ईरान में बहुत लोकप्रिय हैं और शहरों में फटपाथो पर हिन्‍दी फिल्‍मों के सुपरस्‍टार्स के पोस्‍टर बिकते दिखाई देते हैं। 





ईरानी समाज अपने कवियों को बहुत महत्‍व देता है। प्रसिद्ध कवियों जैसे- हाफिज शिवाजी और फिरदौसी आदि के न केवल शानदार मकबरे बने हुए हैं, बल्कि संग्रहालय और शोध संस्‍थान भी बनाए गए हैं।

ईरान की आय का मुख्‍य साधन तेल है। जिसके कारण देश में संपन्‍नता दिखाई देती है। राजनीतिक स्‍तर पर ईरान विवादास्‍पद देश है, लेकिन उसके कई कारण हैं। ईरान को देखना और समझना प्राचीन और आधुनिक संस्‍कृतियों को देखने जैसा है।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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