Sunday, July 19, 2015

मेंढक से जुड़ी अनूठी मान्यताएं

ऋग्वेद में को मांगलिक तथा शुभ माना गया है। एक वर्ष का व्रत करने वाले साधकों की भांति सुप्त बरखा के लिए प्रसन्नतादायक आवाज करते हैं।

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सूखे चमड़े की भांति सवोवर में वृष्टि होने पर बछड़े वाली धेनु की भांति शब्द करता है।
 
 मेंढक की ध्वनि को वर्षासूचक होने से धेनु के रम्भाने के समान मांगलिक माना गया है। इसके अतिरिक्त अतिरात्र नामक सोम यज्ञ में ऋषियों की भांति सरोवर में मेंढक की मांगलिक ध्वनि स्वीकार की गई है, जो समृद्धि के प्रतीक के रूप में मानी गई है। 
 

धेनु की भांति शब्द करने वाले मेंढकों, बकरे की भांति शब्द करने वाले मेंढकों, भूरे रंग वाले (धूम्र वर्ण) मेंढकों  और हरे रंग के मेंढकों से धन देने की प्रार्थना की गई है। गणों को असंख्य गौए देने वाला, सहस्र वनस्पतियों तथा आयुध को बढ़ाने वाला माना गया है। अर्थात मेंढक की ध्वनि वर्षासूचक मांगलिक ध्वनि के रूप में हमेशा से मान्य रही है।

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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