पुराणों में श्लोकों की संख्या--ये स्वयं नारायण के ज्ञानावतार भगवान वेद
व्यास द्वारा रचित है।.
पुराणों में श्लोकों की संख्या :-
1. Brahampuran ब्रह्मपुराण: १४००० - (14000)
2. PadamPuran पद्मपुराण: ५५००० - (55000)
3. VishnuPuran विष्णुपुराण: २३००० - (23000
)
4. Shiv Puran शिवपुराण: २४००० - (24000)
5. Shri Mad Bhagwad Puran श्रीमद्भावतपुराण: १८००० - (18,000 )
6. NaradPuran नारदपुराण: २५००० - (25,000)
7. MarkandyaPuran मार्कण्डेयपुराण: ९०००- ( 9,000)
8. Agni Puran अग्निपुराण: १५००० - (15000)
9. Bhavishya Puran भविष्यपुराण: १४५०० - (14500)
10. BrahmVarvatPuran ब्रह्मवैवर्तपुराण: १८००० - (18,000)
11. LingPuran लिंगपुराण: ११००० - (11000)
12. VarahPuranवाराहपुराण: २४००० - (24000)
13. SakandhPuran स्कन्धपुराण: ८११०० - (81100)
14. VamanPuran वामनपुराण: १०००० - (10,000)
15. KaramPuran कूर्मपुराण: १७००० - (17000)
16. MatasyaPuran मत्सयपुराण: १४००० - (14000)
17. GarurPuran गरुड़पुराण: १९००० - (19000)
18. BrahMandPuran ब्रह्माण्डपुराण: १२०००- (12,000)
इस प्रकार सारे पुराणों के श्लोकों की कुल संख्या लगभग ४०३६००
(चार लाख तीन हजार छः सौ) {403600} है।.
(इसके अलावा (RAMAYAN) रामायण में लगभग २४०००
(24000) एवं (MAHABHART) महाभारत में लगभग ११००००
(110000) श्लोक हैं।).
---प्रत्यंचा सनातन संस्कृति,,,
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क्या ये मानव कृत हो सकते है. नहीं !
ये स्वयं नारायण के ज्ञानावतार भगवान वेद व्यास द्वारा रचित है।.
जयति पुण्य सनातन संस्कृति,,,
जयति पुण्य भूमि भारत,,,
सदा सुमंगल,,,
ॐ नमो नारायणाय
जय भवानी,,,
जय श्री राम.
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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