भविष्यि एकदम अनिश्चिथत नहीं है। हमारा ज्ञान अनिश्चिजत है। भविष्यष का हमें कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता इसलिए हम कहते हैं कि भविष्यत निश्चिरत नहीं है लेकिन भविष्यष में दिखाई पड़ने लगे तब हम ऐसा नहीं कहेंगे और ज्योनतिष भविष्यच में देखने की प्रक्रिया है।
ज्यो तिष भविष्यि को जानने का आयाम है।मनुष्यय के हाथ पर खींची हुई रेखाएं मनुष्या के पास छिपा हुआ भविष्यष है जो अतीत का पूरा संस्कावर बीज है। ज्योतिष टाइम ट्रैक को जानने की कला है । टाइम ट्रैक खोलना बहुत कठिन नहीं है । ज्योततिष की बहुत गहनतम जो पकड़ है वह तो आपके अतीत के खोलने की है, क्योंतकि आपके अतीत का अगर पूरा पता चल जाए तो आपका पूरा भविष्यख पता लगाया जा सकता है क्योंाकि आपका भविष्यप आपके अतीत से जन्मा है । आपके भविष्य् को आपके अतीत को जाने बिना नहीं जाना जा सकता है, जिसकी प्रक्रियाएं हैं और विधियां हैं। जो भारतीय ज्योतिष में सहज उपलब्ध है।
अत्यंत गुणी ज्योतिष ही भविष्य का सही पूर्व कथन कर सकते हैं. समय को सही तरीके से सिर्फ ध्यान की उच्चतम स्थिति में ही देखा जा सकता है. हममें से अधिकाँश लोगों के मन भटकते रहने के कारण समय को सही तरीके से नहीं देख पाते है और न ही समझ पाते हैं. गंभीर ध्यान की स्थिति में बीते हुए समय, वर्तमान समय और भविष्य, सब एक हो जाते हैं. अर्थात उन्हें अच्छी तरह से बिना बाधा के देखा जा सकता है. ज्योतिषी गणना तो प्रशिक्षण के द्वारा भी सीखी जा सकती है किन्तु भविष्य का सही ज्ञान सिर्फ ध्यान की उच्च स्थिति में ही संभव है.इसीलिए ज्योतिषी को संयमी होना चाहिए क्योकि एक संयमी व्यक्ति ही भविष्य देख सकता है.
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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