आधुनिक विश्व के अनेकों ऐसे आविष्कार और खोजे है जिसका श्रेय हम विदेशियों को देते है लेकिन वास्तव में उनकी खोज सैकड़ों-हज़ारों साल पूर्व हमारे ऋषियों और बुद्धिजीवियों ने कर दी थी। जैसे की आँखों की सर्जरी-विश्व इतिहास में आँखों की सर्जरी सर्प्रथम प्राचीन भारत में ऋषि “सुश्रुत” ने की थी। आइए जानते है ऐसी ही 11 खोजो के बारे में जिनके बारे में हमारे पूर्वज पहले से ही जानते थे।
मोतियाबिंद की सर्जरी : प्राचीन भारत में सुश्रुत ने इसका सफल प्रयोग किया था बाद में यह चीन पहुंचा और कई ग्रीक साइंटिस्ट भी इसे सीखने के लिए भारत आये थे।
बटन : करीब २०० ईसा पूर्व आभूषणों के लिए बटन का प्रयोग का पहला प्रमाण “मोहनजोदड़ो” की सभ्यता में मिलता है. माना जाता है की बटन बनाने का का आईडिया इसी से जुदा हुआ है।
फ्लश टॉयलेट : सिन्धु घाटी सभ्यता में फ्लश टॉयलेट की तरह ही शौचालयों की व्यवस्था थी जो एक व्यवस्थित सीवेज सिस्टम से जुडी हुई थी।
शतरंज : शतरंज, चतुरंग, से डेवलप किया गया है. चतुरंग प्राचीन भारत में गुप्त साम्राज्य के दौर का एक लोकप्रिय बोर्डगेम था।
कॉटन की खेती और इसके कपड़ों का इस्तेमाल : प्राचीन ग्रीक और दूसरी सभ्यताओं में जानवरों की खाल पहनने का रिवाज था जबकि सिन्धु घाटी की सभ्यता में प्रमाण मिलें हैं की हजारों साल पहले भारतियों ने कॉटन की खेती और इससे कपड़े बनाने सीख लिए थे।
डायमंड माइनिंग : १८ वीं शताब्दी में बर्जील में डायमंड खदानों की खोज से पहले तक पूरी दुनिया में हीरे का एक मात्र सोर्स भारत था. मध्य भारत में इसकी माइनिंग की जाती थी।
रूलर : सिन्धु घाटी सभ्यता में 1500 ईसा पूर्व सटीक दूरी नापने के लिए हाथी दांत से बने रूलर के इस्तेमाल की जानकारी मिलती है।
सूट गेम : इस पॉपुलर कार्ड गेम का जन्म भारत में हुआ था जिसे क्रीडी पत्रं के नाम से जाना जाता था।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
No comments:
Post a Comment