आप सभी सोच रहे होगे की महर्षि दयानन्द आजादी के मूल मंत्रदाता कैसे है ??? क्योकी हमे तो इतिहास मे यह पढ़ाया जाता है -- दे दी हमे आजादी बिना खड़ग बिना ढ़ाल के | इतिहास तो हमे ऐसे पढ़ाया जाता है जैसे आजादी की लड़ाई अकेले मोहनदास गाँधी और नेहरू ने शुरू की और लड़ी थी , लेकिन सच्चाई को आपके सामने लाने का एक मामूली सा यह प्रयास है |
महर्षि स्वामी दयानन्द द्वारा स्वय लिखित उनका जीवनी से बस कुछ पन्नो को आपके सामने रख रहा हूँ | वैसे इस बिषय पर पहले भी लेख व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उनका विचार पहले भी पोस्ट किया जा चुका पर आज सोचा क्यो न सप्रमाण ही लेख पोस्ट किया जाय की आखरिकार आजादी का बीजोरोपण किसने किया ?????
मै इस बिषय पर अपनी तरफ से कुछ न मिलते हुए सीधे महर्षि जी के जीवनी के कुछ पृष्ठ पोस्ट कर रहा हूँ आगे आप स्वंय निर्णय करे की आजादी का मूलमंत्र दाता कौन है ??
१८५७ के विद्रोह मे आप जिनके बारे मे पढ़ते है उन्होने किनसे सलाह लिया ??? उन क्रान्तिकारियो का मार्गदर्शक कौन था ??? साधु संतो का एकत्रीकरण कौन किया ??? आजादी के लिए अपने प्राणो को न्यौछार कर देने तक का मंत्र किसने दिया ??? पूरे देश मे घूम घूम कर स्वदेश रक्षा की क्रान्ति की भावना को किसने पोषित किया ????
मित्रो अगर अपने आप को राष्ट्रवादी , स्वदेशी , आर्य या आर्यो के वंशज देशभक्त मानते हो तो जबाव जरूर देना ताकी पूरी दुनिया को इस कडुवे सच का पता लगे !!!!!
हे ऋषि आपको कोटी कोटी नमन|
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।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।
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