Sunday, July 5, 2015

हाथीओं के बारे में रोचक तथ्य


हाथी स्थल प्राणीयों में सबसे बड़ा प्राणी है. वर्तमान समय में हाथिओं की केवल दो प्रजातियां जीवित है : ऍलिफ़्स तथा लॉक्सोडॉण्टा. इनके इलावा एक ओर भी प्रजाति मॅमथस थी जो कि अब विलुप्त हो चुकी हैं. ऍलिफ्स प्रजाति अफरीका में पाई जाती हैं और लॉक्सोडॉण्टा भारत में. शिर्फ यह सबसे बड़ा प्राणी ही नही है ब्लिक इसकी और भी कई विचित्र विशेषताएँ हैं जो हम आप को इस पोस्ट में बताते हैं-
हाथी लेट कर नही ब्लकि खड़े होकर ही सोते हैं.
हाथीयों में यौवन अवस्था आमतौर पर 13 जा 14 साल की आयु में आ जाती है.
एक हाथी पानी की गंध को 4.5 किलोमीटर की दुरी से सूंघ सकता है.
हाथी दिन में बहुत कम सोते हैं. बस ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे.
हाथी एक एकलौता जानवर है जो कि कूद नही सकता और जिसके चार घुटने होते है.
हर हाथी की गरज़ भी हम मनुष्यों की आवाज की तरह भिन्न होती है.
हाथी कभी भी आपस में नही लड़ते.अगर किसी हाथी को कोई चोट लगती है तो दुसरा हाथी उसकी सहायता जरूर करता है.
अगर किसी झुंड का एक हाथी मर जाए तो सारा झुंड अजीब-अजीब तरह से गरज़ कर शौक मनाता है.
हाथी साफ सुथरा रहना पसंद करते हैं और हर रोज नहाते हैं.
हाथी अपनी सूँढ से एक फर्स पर गिरा छोटा सा सिक्का भी उठा सकते हैं.
अब तक दुनिया में प्राप्त हुए भिन्न जीवाश्मों से पता चला है कि आज से 5 करोड़ साल पहले हाथियों की करीब 170 प्रजातीयां विकसित थी.यह जीवाश्म ऑस्ट्रेलीया और अंर्टाकटिका को छोड़ सभी महाद्वीपों में पाए गए हैं.
मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जरूर जन्म देती है. इसका गर्भकाल औसतन 22 महीने तक का होता है. 1 प्रतीशत मामलों में जुडवा बच्चे जन्म लेते हैं. नव जन्में हाथी की लंम्बाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक का होता है.
अफरीकी मादा हाथियों का गर्भकाल 22 महीने का होता है.
इतने बड़े कान होने के बाद बावजूद भी हाथी की सुनने की समता कम होती है.
अफरीकन हाथीयों के कान भारतीय हाथियों से बड़े होते हैं.
अफरीकन हाथियों के कानों का उपयोग वेटिंलेशन के लिए किया जाता है.
हाथी के शरीर का सबसे मुलायम हिस्सा उनके कान के पीछे होता है जिन्हें knule कहते हैं. हाथीयों को संभालने वाले महंत अपने पैरों का उपयोग करके knukle के जरिए हाथियों को निर्देश दोते हैं.
जवान अफरीकन हाथी की लंम्बाई 13 फीट तक बढ़ जाती है और भारतीय हाथीयों की 10 फीट.
जवान अफरीकन हाथी का वजन लगभग 6,160 किलोग्राम तक होता है और भारतीय हाथीयों का 5000 किलोग्राम तक.
हाथीयों का जीवन काल औसतन हम मनुष्यों की तरह 70 साल तक का ही होता है.
हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलते हैं.
हाथी लंम्बे समय तक पानी में तैर सकते हैं.
हाथी दिन के 16 घंटे सिर्फ खाने में ही बिता देते हैं.
हाथी लगभग एक दिन में 120 किलो तक भोजन खा जाते हैं.
मादा हाथी बहुत बड़े झुंड़ो में रहते हैं जिन का नेतृत्व एक बुढ़ी मादा हाथी करती है.
नर हाथी 12 से 15 साल की आयु के बीच झुंड़ छोड़ देते हैं.
जानवरों में हाथीओं का दिमाग सबसे बड़ा होता है.
एक हाथी का बच्चा अकसर आराम के लिए अपनी सूँड चुसता है.
हाथी भी मनुष्यों की तरह Right जा left handed होते हैं.
एक हाथी की चमडी लगभग एक इंच तक मोटी होती हैं.
हाथी की सुँड ऊपरी होंठ और नाक से जुड़ी होती है.
हाथी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते हैं.
हाथी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते हैं. जब हाथी चलते हैं तो जमीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है. इस कंपन से हाथी दुसरे हाथियों के बारे में जान लेते हैं.


।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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