सुमंगल स्वागत स्वजनों,,,
तेरा वैभव अमर रहे माँ,,,
हम दिन चार रहें न रहें,,,
अथच सेकुलर चरित्र ;
1. विद्यालयों में गीता पढ़ाये जाने का विरोध
करते हैं।
2. विद्यालयों में संस्कृत पढ़ाये जाने का विरोध
करते हैं।
3. योग का विरोध करते हैं।
4. हिन्दू संगठनों की निंदा करते हैं,,,
सांप्रदायिक कहके दुष्प्रचार करते हैं।
5. हिन्दू हित के कार्यों में सदा अड़ंगा
लगाते हैं।
6. हिन्दू संतों के विरुद्ध विषवमन करते हैं।
7. गऊ हत्या निरोध नही चाहते।
8. आतंकी देशद्रोहियों के मारे जाने पर
शोक प्रगट करते हैं किन्तु देश के सैनिकों
के वलिदान पर मौन रहते हैं।
9. संप्रभुता संपन्न भारत सरकार के विरुद्ध
विषवमन करके शत्रु देशों का मनोबल बढ़ाते
हैं तथा शत्रु देशों से प्रशंसा पाते है।
10. वंदेमातरम् उद्घोष से परहेज करते हैं।
क्या अब भी हिन्दू सेकुलरों को वोट देना
चाहेंगे ?
अतः सेकुलरों की दासता से मुक्त होने के
लिए पुनः एकजुट हो जाएँ तथा सेकुलरों
को कभी वोट न करें।
स्मरण रहे,,," संघे शक्ति कलियुगे "
जयति पुण्य सनातन संस्कृति,,,
जयति पुण्य भूमि भारत,,,
विश्व की यातना की एक मात्र औषधि "हिंदुत्व"
----स्वामी विवेकानन्द,,,
एक ही विकल्प "हिन्दू राष्ट्र"
हमारा संकल्प "हिन्दू राष्ट्र"
सेकुलर मुक्त भारत,,,सशक्त भारत,,,
समृद्ध भारत,,,संस्कारित भारत,,
सदा सुमंगल,,,
वंदेमातरम्,,,
जय भवानी,,,
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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