Thursday, August 24, 2017

बौद्ध धर्म के बारेमे जाने..

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लगभग 2500 साल पहले बौद्ध धर्म का उत्थान हुआ। बौद्ध धर्म का ज्ञान नास्तिकता और शून्यवाद पर टिका हुआ था। बुद्ध की खास विशेषता अहिंसावाद था । इतना अधिक अहिंसा की लोग अपनी रक्षा तक करना भूल गए। कायर और नपुंसकता उनके भीतर बस गई।
जिसका फायदा एक मलेच्छ मुर्ख मजहब ने उठाया।
बौद्ध कहते है यही एकमात्र मोक्ष है।
बौद्ध धर्म के आस पास ही जैन धर्म का उदय हुआ । अहिंसावाद में ये बौद्धों के भी उस्ताद थे। इनका सिद्धांत था सबकुछ त्याग दो। नंगे हो जाये। मुह पर पट्टी बांध लो । मुँह खोलकर हँसना नहीं। शाम होने से पहले भोजन कर लो। नहीं तो हिंसा हो जायेगी पाप लगेगा।
पाप पूण्य की परिभाषा बदलने वाले जैनियों को हिन्दू देवी देवताओं की बुराई में कोई पाप नहीं लगता । राम और कृष्ण को गाली देने में कोई पाप नहीं लगता। सबसे ज्यादा ईर्ष्यालू धर्म है ये।
जो भगवन से ईर्ष्या करे उन्हें नर्क में डाले। इससे बढ़कर क्या होगा। लेकिन ये कहते है हमारा धर्म स्वीकार करो हमारे नियमो से चलो मोक्ष मिलेगा।
अब बात करते है यहूदी धर्म की इनकी धर्म पुस्तक तौरेत है और संस्थापक मूसा। तौरेत के हिसाब से उनका ईश्वर ईर्ष्यालु है जो लोग उसकी राह पर नहीं चलता उसे वह तड़पता है। बहुत बुरी सजा देता है। लेकिन अगर कोई उसकी बात को मानता है उसके नियमो पर चलता है। उसे वह खुश और आबाद रखता है।
यहूदियो में से ही दो धर्म और बने ईसाई और इस्लाम।
ईसाइयो का ओल्ड टेस्टामेंट लगभग यही तौरेत है। और न्यू टेस्टामेंट में यीशु मसीह के विचार। इसमें भी जो ईसा के बनाये नियमो को नहीं मानता उसे दुनिया के अंत तक नर्क में सड़ाया जायेगा उसकी कभी मुक्ति नहीं होगी। बस आपको इसाई होना होगा बाकी आपके सारे पाप यीशु अपने सर पर लेंगे।
वाह वाह क्या ऑफर है।
अब बात करते है 1400 साल पहले पनपे इस्लाम की। मोहम्मद की बनाई दुनिया में आपको सिर्फ अल्लाह पर ईमान लाना है। बस और कुछ नहीं फिर आप हत्या करे बलात्कार कर किसी को लूट ले किसी को तड़पा तड़पा कर मार दे । आपको कोई पाप नहीं लगेगा बल्कि अल्लाह और भी खुश होगा तुम्हे जन्नत नसीब होगी जहां 72 हूरे बिलकुल नग्न होकर शराब का प्याला थामे आपका इन्तजार कर रही होगी। साथ ही बहुत से गिलमे यानि बिना लिंग के लोंडे मिलेंगे।
ये तो सबसे जबरदस्त ऑफर है।
अब बात करते है सिखों की ।
यह हिन्दू धर्म से निकली एक धारा है जो निकली तो अच्छे कामो के लिए थी ।पर यह रिकॉर्ड है हिन्दू से अलग होकर जो भी पंथ और समुदाय बने सबने हिन्दुओ की ही जड़ काटी।
सिखों के सारे गुरु हरि , गोविन्द और राम भज भज कर मर गए। अंत में अपना धर्म ग्रन्थ तैयार कर गए। और निर्देश दे गए यही पुस्तक तुम्हारा गुरु भी है और भगवान भी। इसका पालन करते रहो मोक्ष मिलेगा। ये भी ठीक ऑफर है।

बहुत से ऐसे महात्मा भी हुए जो नास्तिक दर्शन पर बात करते थे जिनमे सबसे मशहूर चार्वाक है । इनके दर्शन को चार्वाक कहते है। इनका मुख्य उपदेश यह था कि जीवन में चाहे कुछ भी हो जाए चाहे उधार मांग कर घी पीना पड़े तो पियो अर्थात कैसे भी उधार से लूट कर मांग कर या छीन कर बस मजे करो यही जीवन बाँकी कुछ नहीं है ये मोक्ष वोक्ष। वाह क्या बात है।

इनके अलावा बहुत से ऐसे महात्मा आये जो नया धर्म तो नहीं बना पाये । अपना पंथ और समुदाय बना गए जैसे कबीर दास। रविदास ...... इत्यादि
फिर आजादी से पहले साई बाबा । ओशो रजनीश। ब्रह्कुमारी। सत्य साई
फलाना ढिमकाना। सबने धर्म के अखाड़े में खूब हाथ आजमाए।
ऐसे कामो में विवेकानंद और दयानंद भी पीछे नहीं रहे कोई आर्यसमाज बना गया तो को आर के मिशन।

इसके बाद तो राधा स्वामी, SSDN, सच्चा सौदा पक्का सौदा महंगा सौदा। रामपाल, आसाराम, निर्मल थर्मल सबने अपने हाथ आजमाए। ये गुरु जी , जयगुरु जी
सब गुरु घंटाल है। अब तो हद ये है कि
फेसबुक और व्हाट्स अप वाले बाबा भी आ गए है जो सोशल मिडिया से ही आपकी तकलीफ जानकर समाधान कर देंगे। मोक्ष चाहिए वो भी मिलेगा वो भी सस्ते में तो मुझे बताओ इन सबमे से कौन से ग्रुप या गिरोह में हो तुम।

*मुझे गर्व है की मैं केवल सनातनी  हिन्दू हूँ।* 🌼

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