Thursday, July 2, 2015

ब्रह्मांड की रचना पर एक नज़र

ब्रह्मांड का हर process केवल और केवल एक चीज को attain करने के लिये होता है.... "equilibrium".
Will Smith की pursuit of happiness ने unemployed citizen को दिखाया था. गजब Story + बेहतरीन acting.
दरिद्रता और बेरोजगारी एक दूसरे के directly proportional हैं । एक व्यक्ति गरीब है क्योंकि वह बेरोजगार है तथा वह बेरोजगार है इसलिए गरीब है। MNC + Government companies पैसा देने में बहुत आगे हैं लेकिन equilibrium को maintain नही करती. सरकार से दोगला कोई नहीं होता. Govt " no casteism" की पीपनी बजाती है और फिर अगले ही पल 27% reservation के लड्डू देती है , जाति के नाम पर.. पहले नौकरी के हिसाब से जाति होती थी, अब कलियुगी system के हिसाब से "जाति से नौकरी"
निजी कंपनियों को छोडिये अब तो सरकार भी salary बढा चढा कर देती है …अब inflation (मंहगाई) न बढे यह कैसे हो सकता है …और फिर साथ में रिश्वत लेना …जन्मसिद्ध अधिकार है वो तो..!
Infact, ये कंपनियाँ 2 व्यक्ति का काम 1 को नहीं देती है, ये 1 ही व्यक्ति से 2 लोगों का काम करवाती है जबकि वेतन डेढ़ का देती है | salary के साथ सुविधाए( accommodation) भी देती है ऐसे में ये यदि अपने कर्मचारी की संख्या बढ़ाएंगे तो इनको बहुत महगा पड़ेगा दूसरे इनको और ज्यादा कर्मचारी की जरुरत ही नहीं है और ये वेतन और सुविधा ही है जिसके लालच में ज्यादा काम किया जाता है | अब जब आदमी लालची हो गया तो देश - धर्म गया तेल लेने, उसको तो package से मतलब है.
जिन company को " नवरत्न" का दर्जा दिया है वो घंटा भी नही करती unemployment को हटाने + educated youth को नौकरी देने में. सरकारी नौकरियों ने आरक्षण रूपी घाघरा पहन के नाचना स्वीकार कर लिया है. College का topper private company मे गालियां खाता है और जिनको भट्टी की भूसी नही पता, वो ONGC जैसी कंपनी में officer बन के पिज्जा खाता है. SC/ST = मौजा ही मौजा है.
Private company में 1 छुट्टी मांग लो तो BOSS पिचके आम की तरह शकल बनाता है. छुट्टी के दिन भी phone से गरियाता है . एसे में स्वाभिमानी employee अपनी self respect के लिए नौकरी छोड़ कर बैठ जाता है, "रांझणा" के हीरो की तरह "अब नही मुरारी, अब कौन साला उठे, सुबह, गाली खाये, काम करे.... अब नही....." tongue emoticon
Unemployment केवल नुकसान ही करता है - - - -
1- बेरोजगारी crime को बढावा देती है. "खाली दिमाग - शैतान का घर" है. जब काम नही होगा तो youth चोरी + अपहरण ही करेगा.
2- कमाने के बाद खाली बैठना बहुत ही complex process है. बहते पानी में कीडे नही पडते, रूके हुए में amoeba पनपते हैं.
3- खाली जेब = Best teacher होती है.
4- बेकारी के कारण रिस्तेदार + पडोसियों से आदमी छुपता घूमता है
5- बार बार मन में " ना माया मिली, ना राम" वाली Feeling आती है.
6- भूखे पेट भजन ना होय गोपाला
Solution - -
1-एक व्‍यक्ति के स्‍थान पर दो को नौकरी दो और इतने वेतन देकर आप क्‍यों उसे आसमान पर बिठा रहे हैं ?
2- maximum salary fix करो.
3- private college stamp paper पर लिखकर दे कि महंगी fees के बदले 100% campus placement करवायेगा.
4- फालतू के shopping coupon बांटने से अच्छा कुछ % चपरासी + office boy को दे दें ताकि equilibrium maintain हो सके.
शिवजी इतना दीजिए जामे कुटम समाय।
मैं भी भूखा ना रहूँ साधु न भूखा जाय॥
बेरोजगारी आदमी को समय से पहले बूढा करती है...!!

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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