Monday, June 15, 2015

शिखा रखने के फायदे

आइये जानें शिखा रखने के पांच बड़े फायदे

सिर के पीछे एक केन्द्रस्थान होता है प्राचीन काल में लोग
भले ही पूरे सिर के बाल कटवा लेते थे लेकिन इस स्थान के
बाल नहीं कटवाते थे। इस स्थान के बालों को शिखा के
नाम से जाना जाता है।
आज भी बहुत से लोग हैं जो शिखा रखते हैं। शास्त्रों में
बताया गया है कि शिखा के बालों को गांठ लगाकर
रखना चाहिए। बहुत से लोग फैशन के चक्कर में शिखा रखना
पसंद नहीं करते और इसे कटवा लेते हैं।
जबकि प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है कि शिखा कटने के
मतलब सिर कटना होता है। किसी व्यक्ति को मृत्युदंड
दिया जाता था लेकिन किसी कारण उसका सिर नहीं
काटा जा सकता था तो उसकी शिखा काट दी जाती
थी। शिखा कटे हुए व्यक्ति को दास माना जाता था।
यह तो शिखा के विषय में प्राचीन मान्यताओं की बात हुई।
असल में शिखा रखने के बड़े ही फायदे हैं इसलिए शास्त्रों में
बताया गया है कि मनुष्य को शिखा जरुर रखना चाहिए।
आइये जानें शिखा रखने के पांच बड़े फायदे।

शिखा रखने का यह है फायदा पहला फायदा
शिखा का सबसे पहला लाभ यह है कि यह व्यक्ति की
बौद्घिक एवं स्मरण शक्ति को बढ़ाने का काम कारता है।
आपने चाणक्य और कई अन्य प्राचीन विद्वानों की तस्वीरें
देखी होगी जिसमें उनके सिर पर शिखा दिखी होगी। यह
शिखा इसलिए रखते थे कि उनकी बौद्घिक क्षमता बनी
रही।
शिखा के विषय में चाणक्य की एक कथा काफी मशहूर है।
जब राजा धननंद ने उनका अपमान किया तो उन्होंने यह
शपथ ली थी कि जब तक नंद वंश का अंत नहीं कर दूंगा तब तक
अपनी शिखा नहीं बांधूंगा। और इन्होंने अपने शपथ को पूर्ण
किया।
एक पाश्चात्य वैज्ञनिक हुए सर चार्ल ल्यूक्स। इन्हों ने
शिखा के फायदे पर जब शोध किया तब बताया कि
'शिखा का जिस्म के उस जरुरी अंग से बहुत संबंध है जिससे
ज्ञान वृद्घि और तमाम अंगों का संचालन होता है। जब से
मैंने इस विज्ञान की खोज की है तब से मैं खुद चोटी रखता
हूं'

शिखा रखने का दूसरा फायदा
मस्तिष्क के भीतर जहां पर बालों आवर्त होता है उस स्थान
पर नाड़ियों का मेल होता है। इसे 'अधिपति मर्म' कहा
जाता है। यानी यह बहुत ही नाजुक स्थान होता है। यहां
चोट लगने पर व्यक्ति की तुरंत मृत्यु हो सकती है।
शिखा इस स्थान के लिए कवच का काम करता है। यह तीव्र
सर्दी, गर्मी से मर्मस्थान को स्थान को सुरक्षित रखने के
साथ ही चोट लगने से भी बचाव करता है।

कामेन्द्रियों को बलवान बनाने वाला तीसरा
फायदा
मस्तिष्क में जहां शिखा स्थान है वहां शरीर की सभी
नाड़ियों का मेल होता है। इसलिए इस स्थान का प्रभाव
शरीर के सभी अंगों पर होता है।
सुषुम्ना के मूल स्थान को 'मस्तुलिंग' कहते हैं। मस्तिष्क के
साथ ज्ञानेन्द्रियों- यानी कान, नाक, जीभ, आँख आदि
का संबंध हैं और कामेन्द्रियों जैसे हाथ, पैर, गुदा, इन्द्रिय
आदि का संबंध मस्तुलिंग से हैं।
मस्तिष्क व मस्तुलिंग जितने सामर्थ्यवान होते हैं उतनी ही
ज्ञानेन्द्रियों और कामेन्द्रियों की शक्ति बढती हैं।
शिखा का यह भी फायदा है कि यह व्यक्ति के मन को भी
संयमित करता है। इसे बांधकर रखने से व्यक्ति अपनी काम
भावनाओं पर भी नियंत्रण रख पाता है।

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