Wednesday, August 19, 2015

ये हैं वो रहस्य जिनके आगे वैज्ञानिक भी भरते हैं पानी



प्रकृति के आगे हम सब छोटे हैं. विज्ञान के ज़रिए हम कितनी भी तरक्की कर लें, लेकिन प्रकृति की एक चाल हमारी हर उपलब्धि से बड़ी होती है. वैज्ञानिक अपने कई शोध में प्रकृति का रहस्य पता करने की कोशिश में हैं और आज भी ये सिर्फ कोशिश ही है. पुरातत्व विभाग अकसर ऐसी खोज करता है या हम यूं कहें की उनकी कुछ खोजें ऐसे सवालों की कुछ गुत्थियां बुनती हैं कि वैज्ञानिक भी उनका जवाब ढूंढ़ते रह जाते हैं.

1. लोहे का करोड़ों साल पुराना हथौड़ा

सन् 1934 में जब ये हथौड़ा पुरातत्व विभाग को मिला तो ये एक चौंका देने वाली घटना थी, जिसका कारण इस हथौड़े के लोहे की शुद्धता थी. साथ ही इस हथौड़े में लगी लकड़ी कोयला बन चुकी थी. मतलब साफ़ था, ये हथौड़ा करोड़ों साल पुराना था. जबकि इंसानों ने ऐसे औज़ार बनाने सिर्फ 10 हजार साल पहले शुरू किए थे.

2. सहारा रेगिस्तान में बना पत्थरों का ढांचा

सन् 1973 में पुरातत्व विभाग ने सहारा के रेगिस्तान में पत्थरों का एक ढांचा खोज निकाला था, जो करीब 6000 साल पुराना था. अध्ययन से पता चला की इस ढांचे का इस्तेमाल उस वक़्त खगौलिय शास्त्र के लिए किया जाता था. लेकिन 6000 साल पहले इसका इस्तेमाल किस प्रकार होता था ये आज भी रहस्य बना हुआ है.

3. चीनी मोज़ेक लाईन

चीन के गानसू शेंग रेगिस्तान के बीच कुछ लकीरें मिली थीं जिन्हें अंग्रेजी में चीनी मोज़ेक लाईन कहते हैं. इसे मोगाओं गुफ़ा के आस-पास बनाया गया था. हैरत की बात ये है कि पत्थरों के ऊबड़-खाबड़ होने के बावजूद ये लकीरें बिलकुल सीधी हैं.

4. पत्थर की गुड़िया

1889 में पुरातत्व विभाग को ईदाहो के नाम्पा में एक पत्थर की गुड़िया मिली, जिसके बाद वैज्ञानिकों का रुझान उस तरफ़ हुआ. इसे देख कर वैज्ञानिकों ने ये अंदाज़ा लगाया कि शायद ये गुड़िया उस वक़्त की है जब मानव अस्तित्व में आया था. लेकिन आज भी ये गुड़िया वैज्ञानिकों के लिए रहस्य ही बनी हुई है.

5. करोड़ों साल पुराना लोहे का पेंच

1998 में वैज्ञानिकों को उल्का के अवशेष जांच करते वक्त एक पत्थर का टुकड़ा मिला था. जिसमें एक लोहे का पेंच था. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये पत्थर 30 करोड़ साल पुराना है और उस वक़्त कोई भी प्रजाती इस धरती पर नहीं हुआ करती थी.

6. प्राचीन रॉकेट

5000 ईसा पूर्व की इस पेंटिंग में आपको रॉकेट दिख रहा होगा. वैज्ञानिक आज भी सोच रहें हैं कि क्या उस वक़्त ऐसा कोई रॉकेट था और अगर नहीं तो उन्होंने ये उस वक़्त सोचा कैसे.

7. खिसकते पत्थर

कैलिफोर्निया की डेथ वैली के खिसकते पत्थर आज भी वैज्ञानिकों के लिए असुलझी पहेली बनी हुई है. 1972 में इस रहस्य को खोलने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई गई थी, लेकिन वो पूरी तरह से नाकाम रहे. नाकामी का वो दौर आज भी ज़ारी है.

8. पिरामिड की ताकत

प्राचीन मेक्सिकन शहर की दीवार अभ्रक से बनी है. अभ्रक ब्राज़ील में मिलता है जो यहां ये हज़ारों मील दूर है. इसका इस्तेमाल ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है. तो क्या उस वक़्त के कारीगर इससे ऊर्जा का संचार कर रहे थे, ये अभी भी एक रहस्य बना हुआ है.

9. विशाल जिवाश्म

1895 में आयरलैंड के अंतरिम खुदाई के दौरान 12 फ़िट लम्बा एक जिवाश्म मिला था. जिसके पैर में 6 उंगलिया थीं और उसके हाथ 4 फ़िट लम्बे थे. ये क्या था इसकी खोज आज भी ज़ारी है.

10. अटलांटिस के पिरामिड

पुरातत्व विभाग ने ये दावा किया है कि उन्होनें अटलांटिस खोज निकाला है. लेकिन आज भी इसके कई रहस्य छिपे हुए हैं.

11. भीमकाय इंसानी जबड़ा

सन् 1911 में अमेरिका के नेवाडा में एक भीमकाय इंसानी जबड़ा मिला था. कहा जाता है कि नेवाडा में लाल बाल वाले 12 फ़िट लम्बे इंसान रहा करते थे. इसके अलावा 1931 में इंसानी कंकाल भी मिले थे, जिनकी लम्बाई 12 फ़िट थी.

12. एल्युमीनियम की कील

1974 में त्रानसिलवेनिया की मुर्से नदी में एक 20 हज़ार साल पुराने मैस्तदन की हड्डियों से एक एल्युमीनियम की एक कील मिली थी जिसे वैज्ञानिकों ने 300 से 400 साल पुराना बताया था. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि एल्युमीनियम हमेशा किसी भी धातु के साथ मिश्रित होता है. लेकिन उस वक्त विशुद्ध एल्युमीनियम आया कहां से?

13. लोलाडॉफ़ प्लेट

नेपाल में खुदाई के दौरान कुछ पुरानी प्लेट्स मिली थीं जिन पर एलियन की आकृति थी.

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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