हिंदू संस्कृति में रामनवमी बहुत ही
पवित्र दिन माना जाता है। पौराणिक
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विशेष
पूजा-अर्चना करने और दान करने से
काफी पुण्य की प्राप्ति होती है।
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की
पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता
है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान
राम का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन
पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। लिहाजा,
इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में
प्रवेश करना काफी शुभ होता है।
ऐसे करें पूजन और दान-पुण्य
इस दिन ब्रह मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
भगवान राम की तस्वीर को गंगाजल से
पोंछकर उस पर कुमकुम, हल्दी और चंदन
का तिलक करें। भगवान राम को पुष्प
अर्पित करें। इसके बाद भगवान राम की
तस्वीर के सामने घी का दीया जलाएं।
रामनवमी के दिन भगवान राम को खीर
या मेवे का भोग लगाया जाना
चाहिए।
रामनवमी के दिन पंडित जी को भोजन
कराना चाहिए। अगर संभव न हो तो
मंदिर में बिना पकी भोजन साम्रग्री
भी दी जा सकती है।
भगवान राम की पूजा करते समय
रामरक्षास्त्रोत का पाठ जरूर करना
चाहिए। राम मंत्र, हनुमान चालीसा,
बजरंग बाण, सुंदर कांड आदि के पाठ से
ना सिर्फ अक्षय पुण्य मिलता है बल्कि
धन संपदा के निरंतर बढ़ने के योग जाग्रत
होते हैं।
प्रभु राम की पूजा करने के बाद भोग के
रुप में भोजन की थाली चढ़ाएं।
रामनवमी के दिन गरीबों, असहायों को
दान देना और भोजन कराना चाहिए।
रामनवमी के दिन अपने बुजुर्गों का
आर्शीवाद भी अवश्य लें।
रामनवमी के दिन पास के किसी राम
मंदिर में जाकर दीया जलाएं, प्रसाद
चढ़ाए। पूजा के बाद प्रसाद को ज्यादा
से ज्यादा लोगों में बांटें।
राम का जन्मोत्सव इसी तरह मनाएं जैसे
घर में कोई नन्हा शिशु जन्मा हो। नवमी
के दिन कुंआरी कन्याओं को भोजन
कराएं।
किसी भी नए कार्य की शुरुआत, नया
व्यवसाय आरंभ कर सकते है।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।
पवित्र दिन माना जाता है। पौराणिक
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विशेष
पूजा-अर्चना करने और दान करने से
काफी पुण्य की प्राप्ति होती है।
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की
पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता
है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान
राम का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन
पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। लिहाजा,
इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में
प्रवेश करना काफी शुभ होता है।
ऐसे करें पूजन और दान-पुण्य
इस दिन ब्रह मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
भगवान राम की तस्वीर को गंगाजल से
पोंछकर उस पर कुमकुम, हल्दी और चंदन
का तिलक करें। भगवान राम को पुष्प
अर्पित करें। इसके बाद भगवान राम की
तस्वीर के सामने घी का दीया जलाएं।
रामनवमी के दिन भगवान राम को खीर
या मेवे का भोग लगाया जाना
चाहिए।
रामनवमी के दिन पंडित जी को भोजन
कराना चाहिए। अगर संभव न हो तो
मंदिर में बिना पकी भोजन साम्रग्री
भी दी जा सकती है।
भगवान राम की पूजा करते समय
रामरक्षास्त्रोत का पाठ जरूर करना
चाहिए। राम मंत्र, हनुमान चालीसा,
बजरंग बाण, सुंदर कांड आदि के पाठ से
ना सिर्फ अक्षय पुण्य मिलता है बल्कि
धन संपदा के निरंतर बढ़ने के योग जाग्रत
होते हैं।
प्रभु राम की पूजा करने के बाद भोग के
रुप में भोजन की थाली चढ़ाएं।
रामनवमी के दिन गरीबों, असहायों को
दान देना और भोजन कराना चाहिए।
रामनवमी के दिन अपने बुजुर्गों का
आर्शीवाद भी अवश्य लें।
रामनवमी के दिन पास के किसी राम
मंदिर में जाकर दीया जलाएं, प्रसाद
चढ़ाए। पूजा के बाद प्रसाद को ज्यादा
से ज्यादा लोगों में बांटें।
राम का जन्मोत्सव इसी तरह मनाएं जैसे
घर में कोई नन्हा शिशु जन्मा हो। नवमी
के दिन कुंआरी कन्याओं को भोजन
कराएं।
किसी भी नए कार्य की शुरुआत, नया
व्यवसाय आरंभ कर सकते है।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।
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