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आप जरा विचार कीजिये श्री कृष्ण बिना विचारे कोई काम नहीं करते हैँ । इतना योजनावद्ध तरीके से कोई जीवन जीने वाला अवतार नहीं हुआ, तो ऐसा क्यों हुआ होगा ? कि उन्होंने अपने आपको गौऊ से जोड़ा होगा । चलिये इस पर थोडा सा चिंतन करिये और संकल्प लीजिये, जहाँ तक बने गौ सेवा जरूर करेंगे ।
ये छोटी घटना नहीं हैँ कि गौ को श्री कृष्ण ने मनुष्य के साथ जोड़ने के लिये अपने साथ लीला में शामिल किया, क्योंकि कृष्ण आने वाली पीढ़ियों को ये सन्देश देना चाहते थे कि ये पशु नहीं हैँ इसको आप माँ कहेंगे और एक बात अच्छी तरह से ध्यान में रख ले, भाषा में खासतौर से हिंदी भाषा में जो सबसे सूंदर, मधुर, मीठा और प्रिय शब्द हैँ वो हैँ माँ । माँ बड़ा मीठा शब्द हैँ बड़ा सम्मानित शब्द हैँ ।
ये शब्द कहाँ से आया । शब्दशास्त्री बताते हैँ, विद्वान कहते हैँ, जो जानकर हैँ कि माँ शब्द बछड़े के रंभाने से आया हैँ । बछड़ा जब रंभा के पहली बार अपनी गाय माँ को याद करता हैँ तो आप देखिये उसके रंभाने में 'मु-मु' शब्द निकलता हैँ उससे माँ बना हैँ । ये माँ शब्द ही बछड़े और गाय से हमको प्राप्त हुआ हैँ । ऐसी महिमा कृष्ण जी ने गाय को पशु से ऊँचा उठाकर माँ का दर्जा देकर हमसे जोड़ दिया हैँ इसलिये गौ माता का बड़ा मान कीजिये ।
आपको एक सुझाव देता हूँ कि कभी किसी गौ को रोटी खिलाये तो केवल खिलाकर हट मत जाइये, गाय के सामने खड़े होकर गाय की आँख में आँख डालकर दो से पांच मिनट देखते रहिये । नवजात लोचन की स्थिति होती हैँ जैसे अभी-अभी जन्म लिए बच्चे की आँख जितनी निष्कपट और निष्छल होती हैँ जीवन भर गाय की आँख वैसी होती हैँ । करके देख लेना आप, आप कभी बहुत तनाव में हो, उदास हो, किसी गौ माता के पास खड़े होकर उनकी आँख में आँख डालना मैडिटेशन हो जायेगा ।
अपने यहाँ आज भी ऐसा कहा जाता हैँ, मेडिकल साइंस भी कहता हैँ कि दो लोगो के शरीर से सदैव पॉजिटिव ऊर्जा निकलती हैँ । एक अपनी संतानो के लिये माँ से और गौ माता के शरीर से सदैव सभी के लिये । विज्ञान ने इसको कसोटी पर परखा हैँ, इसलिए अपने जीवन को गौ सेवा से जोड़िये, गौ की रक्षा कीजिये ।
हमारे दोनों अवतारो ने बड़े कमाल का काम किया था । राम जी जुड़े बंदर से, कृष्ण जी जुड़े गायों से । मनुष्य का जो शरीर हैँ इसकी पिछली अवस्था किससे जुडी हैँ बंदर से और मनुष्य की आत्मा की पहली स्थिति गाय हैँ और गाय की विकसित स्थिति मनुष्य की आत्मा हैँ, तो कृष्ण जी जुड़ गए आत्मा से और राम जी जुड़ गए शरीर से और दो महान अवतारों ने हमको दो महान ऐसे दिए हनुमान और गाय कि आपको किसको शरीर और किसको आत्मा से जोड़ना हैँ ।
।।जय श्री राम।।
।।जय गौ माता।।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।
आप जरा विचार कीजिये श्री कृष्ण बिना विचारे कोई काम नहीं करते हैँ । इतना योजनावद्ध तरीके से कोई जीवन जीने वाला अवतार नहीं हुआ, तो ऐसा क्यों हुआ होगा ? कि उन्होंने अपने आपको गौऊ से जोड़ा होगा । चलिये इस पर थोडा सा चिंतन करिये और संकल्प लीजिये, जहाँ तक बने गौ सेवा जरूर करेंगे ।
ये छोटी घटना नहीं हैँ कि गौ को श्री कृष्ण ने मनुष्य के साथ जोड़ने के लिये अपने साथ लीला में शामिल किया, क्योंकि कृष्ण आने वाली पीढ़ियों को ये सन्देश देना चाहते थे कि ये पशु नहीं हैँ इसको आप माँ कहेंगे और एक बात अच्छी तरह से ध्यान में रख ले, भाषा में खासतौर से हिंदी भाषा में जो सबसे सूंदर, मधुर, मीठा और प्रिय शब्द हैँ वो हैँ माँ । माँ बड़ा मीठा शब्द हैँ बड़ा सम्मानित शब्द हैँ ।
ये शब्द कहाँ से आया । शब्दशास्त्री बताते हैँ, विद्वान कहते हैँ, जो जानकर हैँ कि माँ शब्द बछड़े के रंभाने से आया हैँ । बछड़ा जब रंभा के पहली बार अपनी गाय माँ को याद करता हैँ तो आप देखिये उसके रंभाने में 'मु-मु' शब्द निकलता हैँ उससे माँ बना हैँ । ये माँ शब्द ही बछड़े और गाय से हमको प्राप्त हुआ हैँ । ऐसी महिमा कृष्ण जी ने गाय को पशु से ऊँचा उठाकर माँ का दर्जा देकर हमसे जोड़ दिया हैँ इसलिये गौ माता का बड़ा मान कीजिये ।
आपको एक सुझाव देता हूँ कि कभी किसी गौ को रोटी खिलाये तो केवल खिलाकर हट मत जाइये, गाय के सामने खड़े होकर गाय की आँख में आँख डालकर दो से पांच मिनट देखते रहिये । नवजात लोचन की स्थिति होती हैँ जैसे अभी-अभी जन्म लिए बच्चे की आँख जितनी निष्कपट और निष्छल होती हैँ जीवन भर गाय की आँख वैसी होती हैँ । करके देख लेना आप, आप कभी बहुत तनाव में हो, उदास हो, किसी गौ माता के पास खड़े होकर उनकी आँख में आँख डालना मैडिटेशन हो जायेगा ।
अपने यहाँ आज भी ऐसा कहा जाता हैँ, मेडिकल साइंस भी कहता हैँ कि दो लोगो के शरीर से सदैव पॉजिटिव ऊर्जा निकलती हैँ । एक अपनी संतानो के लिये माँ से और गौ माता के शरीर से सदैव सभी के लिये । विज्ञान ने इसको कसोटी पर परखा हैँ, इसलिए अपने जीवन को गौ सेवा से जोड़िये, गौ की रक्षा कीजिये ।
हमारे दोनों अवतारो ने बड़े कमाल का काम किया था । राम जी जुड़े बंदर से, कृष्ण जी जुड़े गायों से । मनुष्य का जो शरीर हैँ इसकी पिछली अवस्था किससे जुडी हैँ बंदर से और मनुष्य की आत्मा की पहली स्थिति गाय हैँ और गाय की विकसित स्थिति मनुष्य की आत्मा हैँ, तो कृष्ण जी जुड़ गए आत्मा से और राम जी जुड़ गए शरीर से और दो महान अवतारों ने हमको दो महान ऐसे दिए हनुमान और गाय कि आपको किसको शरीर और किसको आत्मा से जोड़ना हैँ ।
।।जय श्री राम।।
।।जय गौ माता।।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।
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