Tuesday, June 23, 2015

इंडोनेशिया में भी रचे बसे है श्रीराम...

जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम…

जबरदस्ती धर्मान्तार्ण करने से भगवान नहीं
बदल जाते पूर्वज वो ही रहते है इंसान बदल
जाते है
इंडोनेशिया में भी रचे बसे है श्रीराम

इंडोनेशिया में भी है अयोध्या नगरी
ऐसा ही एक देश है इंडोनेशिया, जहां रामायण
राष्ट्रीय काव्य ग्रंथ है। बता दें कि इंडोनेशिया
दुनिया के मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्रों में से एक है।
इसके बावजूद वहां की संस्कृति रामायण के
इर्द-गिर्द रची बसी है। 1973 में वहां की सरकार
ने अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन
भी किया था। इंडोनेशिया में
भारत की तरह एक अयोध्या नगरी है,
जिसे योग्या कहते हैं।वहां की भाषा में रामायण
ककविन यानी काव्य नाम से राम कथा है।
इसके रचयिता इंडोनेशियाई कवि योगेश्वर हैं।
वहां के नौ सेना अध्यक्ष को लक्ष्मण
कहा जाता है। यातायात सेवाओं को जटायु व
संपात्ति के नाम दिए गए हैं।
माता सीता को देवी सिंता नाम से पुकारा
जाता है। प्रभु हनुमान वहां के सबसे लोकप्रिय
पौराणिक चरित्र हैं। इंडोनेशिया के स्वतंत्रता
दिवस 27 दिसंबर को राजधानी जकार्ता में
सैकड़ों लोग हनुमान का वेश धारण कर
सरकारी परेड में शामिल होते हैं।
वहां का बाली द्वीप रामायण के महत्वपूर्ण
पात्र और अंगद के पिता राजा बालि के
नाम पर है।
#जनजाग्रति_हेतु_शेयर_करे…

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।

No comments :

लोकप्रिय पोस्ट