बिगफुट कर रहा है
मानव की तबाही का इंतजार, क्योंकि वही है धरती की असली प्राकृतिक प्रजाति।
आज का इंसान तो 'स्टार प्रॉडक्ट' है जबकि बिगफुट से इंसानों ने धरती को छीन
लिया और उन्हें छुपने पर मजबूर कर दिया? आधुनिक जीव वैज्ञानिक तो यही
मानते हैं।
ज्यादा बालों वाले इंसान जंगलों में ही रहते थे। जंगल में भी वे वहां रहते थे, जहां कोई आता-जाता नहीं था। माना जाता था कि ज्यादा बालों वाले इंसानों में जादुई शक्तियां होती हैं। ज्यादा बालों वाले जीवों में बिगफुट का नाम सबसे ऊपर आता है। बिगफुट के बारे में आज भी रहस्य बरकरार है।
प्राचीन एलियंस के शोधकर्ताओं के अनुसार एलियंस ने अपने जीन से एक ऐसी 'मानव जाति' बनाई जिसके शरीर पर ज्यादा बाल नहीं थे और जो दिखने में सुंदर था। उन्होंने इंसानों से जानवरपन निकाल दिया। क्या धरती का महामानव बिगफुट यह सब देख रहा था?
अमेरिका, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया और भारत में बिगफुट को देखे जाने के दावे किए गए हैं। भारत में इसे 'येति' या 'यति' कहते हैं, जो एक हिममानव है। आखिर उसे हिममानव क्यों कहा जाने लगा? क्योंकि हिमालय छुपने के लिए सबसे सुरक्षित जगह है। यति भारत के इतिहास और पौराणिक कथाओं का हिस्सा है। यति का उल्लेख ऋग्वेद और सामवेद में मिलता है।
ऐतिहासिक तथ्य : हांगकांग में 1935 में पहली बार बिगफुट की खोपड़ी पाई गई। खोपड़ी से अनुमान लगाया कि यह नरवानर (आधा इंसान और आधा वानर) करीब 10 फिट लंबा और 545 किलो वजन का था। 1951 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास करते समय एरिक शिप्टन ने सागर तल से लगभग 6,000 मी. (20,000 फुट) ऊपर बर्फ में अनगिनत बड़े-बड़े पैरों के निशानों की तस्वीरें लीं। ये तस्वीरें दुनियाभर में गहन जांच और बहस का विषय बन गईं।
1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेनज़िंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समय बड़े-बड़े पदचिह्नों को देखने का दावा किया। अपनी पहली आत्मकथा में तेनज़िंग ने कहा कि उनका मानना था कि यति एक विशाल वानर था। हालांकि इसे उन्होंने खुद कभी नहीं देखा था, उनके पिताजी ने दो बार इसे देखा था।
क्या यति ही है धरती के असली इंसान और आज के इंसान हैं 'एलियंस' की संतानें?
वैज्ञानिक शोधों से पता चला कि बिगफुट (यति) या तो धरती के असली मानव हैं जबकि मानव एलियंस की
संतानें, लेकिन यह भी हो सकता है कि एलियंस यहां आए और उन्होंने इंसानों
तथा चिंपाजियों के जीन को मिलाकर एक नई प्रजाति पैदा की जिसे आज हम बिगफुट
कहते हैं।
लेकिन कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि दरअसल धरती के असली इंसान तो बिगफुट ही हैं और जहां तक सवाल आज के आधुनिक इंसान का है तो यह अभी तक रहस्य है कि यह बना कैसे और इसका पूर्वज कौन था? दरअसल, इंसान ही है आकाश से आए उन लोगों की संतान, जो आज 'एलियंस' कहलाते हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ता 'बिगफुट' के बारे में भी ऐसा ही कहते हैं।
उनका मानना है 'एलियंस' ने वानर और अपने खुद के जीन से मिलाकर बिगफुट बनाया है। यह मिश्रित जाति का परिणाम है और वे अपने इस बनाए गए जीव को देखने के लिए समय-समय पर आते रहे हैं।
शोधकर्ता कहते हैं कि दुनियाभर में बिगफुट को देखे जाने की घटना तभी खबरों में आई जबकि यूएफओ आने की खबरें भी अखबारों में थीं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि हमने उड़नतश्तरी के पास बिगफुट को देखा है। इसी तरह की एक घटना 1980 में वाशिंगटन के पास घटी जबकि एक महिला ने यूएफओ को धरती पर उतरते देखा और वह जहां उतरा था वहीं हमें गोरिल्ला जैसा आदमी भी दिखाई दिया।
लेकिन कुछ वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि दरअसल धरती के असली इंसान तो बिगफुट ही हैं और जहां तक सवाल आज के आधुनिक इंसान का है तो यह अभी तक रहस्य है कि यह बना कैसे और इसका पूर्वज कौन था? दरअसल, इंसान ही है आकाश से आए उन लोगों की संतान, जो आज 'एलियंस' कहलाते हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ता 'बिगफुट' के बारे में भी ऐसा ही कहते हैं।
उनका मानना है 'एलियंस' ने वानर और अपने खुद के जीन से मिलाकर बिगफुट बनाया है। यह मिश्रित जाति का परिणाम है और वे अपने इस बनाए गए जीव को देखने के लिए समय-समय पर आते रहे हैं।
शोधकर्ता कहते हैं कि दुनियाभर में बिगफुट को देखे जाने की घटना तभी खबरों में आई जबकि यूएफओ आने की खबरें भी अखबारों में थीं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि हमने उड़नतश्तरी के पास बिगफुट को देखा है। इसी तरह की एक घटना 1980 में वाशिंगटन के पास घटी जबकि एक महिला ने यूएफओ को धरती पर उतरते देखा और वह जहां उतरा था वहीं हमें गोरिल्ला जैसा आदमी भी दिखाई दिया।
जानिए कहां रहता है बिगफुट...
वैज्ञानिक मानते
हैं कि हो सकता वह दूसरे ग्रह का जानवर हो जिसे उन्होंने प्रयोग के तौर पर
यहां छोड़ दिया हो और जो मानव प्रजाति से छुपकर रहता है। अमेरिका के
ओरेगॉन शहर के पास बनी कई लंबी सुरंगें हैं, जहां बिगफुट देखे जाने के दावे
किए गए हैं। वहां का आदिवासी समूह तो मानता है कि इन सुरंगों के भीतर
नरवानर रहता है।
इसी तरह दुनियाभर में खासकर भारत, चीन, अफ्रीका, रूस और अमेरिका में ऐसी कई लंबी-लंबी रहस्यमय गुफाएं और सुरंगें हैं, जो पाताल तक जाती हैं। इंसान अभी तक इन सुरंगों का रहस्य पता नहीं कर पाया है। भारतीय पौराणिक ग्रंथों के 7 तरह के पातालों की चर्चा की जाती है और उनमें रहने वाले विशालकाय लोगों के बारे में बताया गया है।
शोधकर्ता कहते हैं कि बिगफुट के बारे में लोगों ने जो दावे किए हैं उनके दावों के बारे में सच्चाई है, क्योंकि सभी ने समान रूप से यह कहा कि वह बड़े-बड़े बालों वाला और वानर की शक्ल का मानव है। वह जब भी दिखाई दिया तो हवा में एक खास तरह की बदबू फैल जाती है और वह इंसानों के सामने आते ही अचानक गायब हो जाता है मानो उसमें गायब होने की कोई अद्भुत शक्ति हो।
तो... वैज्ञानिक मानते हैं कि या तो बिगफुट धरती के असली इंसान हैं या फिर वे एलियंस द्वारा निर्मित हाइब्रिड जीव। यदि वे हाइब्रिड जीव हैं तो निश्चित ही 'एलियंस' का कोई मकसद है। हो सकता है ये सभी धरती से मानवों की तबाही का इंतजार कर रहे हों?
इसी तरह दुनियाभर में खासकर भारत, चीन, अफ्रीका, रूस और अमेरिका में ऐसी कई लंबी-लंबी रहस्यमय गुफाएं और सुरंगें हैं, जो पाताल तक जाती हैं। इंसान अभी तक इन सुरंगों का रहस्य पता नहीं कर पाया है। भारतीय पौराणिक ग्रंथों के 7 तरह के पातालों की चर्चा की जाती है और उनमें रहने वाले विशालकाय लोगों के बारे में बताया गया है।
शोधकर्ता कहते हैं कि बिगफुट के बारे में लोगों ने जो दावे किए हैं उनके दावों के बारे में सच्चाई है, क्योंकि सभी ने समान रूप से यह कहा कि वह बड़े-बड़े बालों वाला और वानर की शक्ल का मानव है। वह जब भी दिखाई दिया तो हवा में एक खास तरह की बदबू फैल जाती है और वह इंसानों के सामने आते ही अचानक गायब हो जाता है मानो उसमें गायब होने की कोई अद्भुत शक्ति हो।
तो... वैज्ञानिक मानते हैं कि या तो बिगफुट धरती के असली इंसान हैं या फिर वे एलियंस द्वारा निर्मित हाइब्रिड जीव। यदि वे हाइब्रिड जीव हैं तो निश्चित ही 'एलियंस' का कोई मकसद है। हो सकता है ये सभी धरती से मानवों की तबाही का इंतजार कर रहे हों?
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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