Friday, July 10, 2015

भारत के 10 मंदिरः जहां चढ़ाया जाता है सबसे ज्यादा चढ़ावा

तिरूपति बालाजी मंदिर,  आंध्रप्रदेश
tirupathi Balaji
संसार के सबसे धनी मंदिरों में आंध्रप्रदेश में तिरूपति नामक स्थान पर भगवान विष्णु (वैंकटेश) का मंदिर है।
तमिल भाषा में तिरू अथवा थिरू शब्द का वही अर्थ है जो संस्कृत में श्री है। श्री शब्द, धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी के लिये प्रयुक्त होता है।
भगवान विष्णु को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कहीं श्रीराम के रूप में तो कहीं श्रीकृष्ण के रूप में। तिरूपति बालाजी भी भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। इस मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर होने का भी दर्जा प्राप्त है।
तिरूपति बालाजी का मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। मंदिर सात पहाड़ों से मिलकर बने तिरूमाला के पहाड़ों पर स्थित है, कहते हैं कि तिरूमाला की पहाड़ियां विश्व की दूसरी सबसे प्राचीन पहाड़ियां है। इस तिरूपति मंदिर में भगवान वेंकटश्वर निवास करते है। भगवान वेंकटश्वर को विष्णुजी का अवतार माना जाता है। यह मंदिर समुद्र तल से 2800 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर को तमिल राजा थोडईमाननें ने बनवाया था। इस मंदिर में लगभग 50,000 श्रृद्धालु रोज दर्शन करने आते हैं। मंदिर की कुलसंपत्ति लगभग 50,000 करोड़ की है।
तिरुपति के खजाने में लगभग आठ टन ज्वेलरी है। 650 करोड़ रुपए की वार्षिक आय के साथ तिरूपति बालाजी भारत में सबसे अमीर देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना जमा और मंदिर के पास 1000 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट है।

श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
Jagannath-Temple Puri
भगवान विष्णु जब चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर जाते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान करते हैं। पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र पहनते हैं। पुरी में भोजन करते हैं और दक्षिण में रामेश्‍वरम में विश्राम करते हैं। द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ। पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है। यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं।
पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। यह भारत के उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मंदिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है। पुरी जगन्नाथ मंदिर भारत के दस अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के लिए जो भी दान आता है। वह मंदिर की व्यवस्था और सामाजिक कामों में खर्च किया जाता है।

 जानें किस मंदिर को हर साल आता है 350 करोड़ का दान 


सांई बाबा मंदिर, शिरडी
Sirdi Sai Mandi
सांई बाबा एक भारतीय गुरू और फकीर थे। बाबा के भक्तों ने उन्हें संत कहना शुरू किया। साईं बाबा का असली नाम, जन्म, पता और माता पिता के सन्दर्भ में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। सांई शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिरडी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला। शिरडी सांई बाबा मंदिर भी यहीं बना हुआ है। सांई बाबा मंदिर भारत के अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की संपत्ति और आय दोनों ही करोड़ों में है। मंदिर के पास लगभग 32 करोड़ की चांदी के जेवर हैं। 6 लाख कीमत के चांदी के सिक्के हैं। साथ ही, हर साल लगभग 350 करोड़ का दान आता है।

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
Sidhhivinayak Temple Mumbai
सिद्धिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई में स्थित है। और वहां आनेवाले लोग इश मंदिर में दर्शन करने जरूर पहुंचते हैं चाहे वह किसी भी धर्म संप्रदाय के लोग क्यों न हो। गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्धपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं। सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं। सिद्धी विनायक मंदिर भारत के धनी मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को 3.7 किलोग्राम सोने से कोट किया गया है, जो कि कोलकत्ता के एक व्यापारी ने दान किया था।

जानें किस मंदिर में भगवान विष्णु शयन मुद्रा में विराजमान हैं


पद्मनाभ स्वामी मंदिर, त्रिवेंद्रम
Padmanabhaswamy Temple
पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है। यह तिरुवनंतपुरम् (त्रिवेंद्रम) शहर के बीच स्थित है। इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा की जाती है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है और द्रविड़ शैली में बनाया गया है। मंदिर की कुल एक लाख करोड़ की संपत्ति है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है जिसे देखने के लिए हजारों भक्त दूर दूर से यहां आते हैं।
इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। मान्यता है कि तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के अनंत नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को पद्मनाभ कहा जाता है और इस रूप में विराजित भगवान पद्मनाभ स्वामी के नाम से विख्यात हैं।

वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
Vaishno devi temple
भारत में हिन्दूओं का पवित्र तीर्थस्थल वैष्णो देवी मंदिर है जो त्रिकुटा हिल्स में कटरा नामक जगह पर 1700 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर के पिंड एक गुफा में स्थापित है। लोकप्रिय कथाओं के अनुसार, देवी वैष्णों इस गुफा में छिपी और एक राक्षस का वध कर दिया। मंदिर का मुख्य आकर्षण गुफा में रखे तीन पिंड है। इस मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की है। आंध्र प्रदेश के तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद इसी मंदिर में भक्तों द्वारा सबसे ज्यादा दर्शन किए जाते है। यहां हर साल लगभग 500 करोड़ का दान आता है।

जानें अब तक किस मंदिर को 17 बार नष्ट किया गया

सोमनाथ मंदिर, गुजरात
Somnath Temple
सोमनाथ एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है जिसकी गिनती 12 ज्योतिलिंüगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह पर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इसे अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया। सोमनाथ में हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। इसलिए ये भारत के अमीर मंदिरों में से एक है।

गुरुवयुर मंदिर, केरल
guruvayur temple kerala
गुरुवयुर श्री कृष्ण मंदिर गुरुवयुर केरला में स्थित है। यह मंदिर विष्णु भगवान का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। गुरुवयुर मंदिर वैष्णवों की आस्था का केंद्र है। अपने खजाने के कारण यह मंदिर भी भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।

जानें किस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने कराया था 
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
Kashi vishwanath temple Varanasi
काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्त्रान कर लेने से मोक्ष की प्राप्त होती है। वर्तमान मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा सन 1780 में करवाया गया था। बाद में महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1853 में 1000 किलो शुद्ध सोने द्वारा मढ़वाया गया था। काशी विश्वनाथ भी भारत के अमीर मंदिरों में से एक है। यहां हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है।

मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै
meenakshi amman temple Madurai
तमिलनाडु में मदुरै शहर में स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मीनाक्षी अम्मन मंदिर विश्व के नए सात अजूबों के लिए नामित किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव व मीनाक्षी देवी पार्वती के रूप के लिए समर्पित है। मीनाक्षी मंदिर पार्वती के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 3500 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है। यह मंदिर भी अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है।

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।

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