ब्रह्मांण्ड एक ऐसी जगह है जहां सब कुछ है.ब्रह्माण्ड इतना विशाल है कि आप इसके आकारका अनुमान नही लगा सकते. मान लीजिए कि आपने अनुमान लगा भी लिया कि ब्रह्माण्डइतना बड़ा है. पर आप के अनुसार जहां ब्रह्माण्डका अंत होता है उसके आगे भी कोई पदार्थ तो जरूर होगा ही. इसी तरह अगर हम सोचते जाएकि ब्रह्माण्ड इतना बड़ा है तो यह उससेज्यादा फैलता जाएगा. 1929 ईसवी में हब्बल नामक वैज्ञानिक ने देखा कि आकाशगंगाएँ एक दूसरे से
दूर जा रही हैं. तो कई वैज्ञानिकों ने अनुमान
लगाया कि शायद ब्रह्माण्ड शुरू में एक बिंदु के
जितना होगा और अचानक हुए एक विस्फोट के
द्वारा बने कण, प्रतिकण बने जिन से कई
आकाशी पिंडो का निर्माण हुआ. और यह तब से निरंतर फैलते ही जा रहै हैं. इस विस्फोट के समय का अनुमान आज से 15 अरब (15×10 9) साल पहले का लगाया गया है और इसे महाविस्फोट
का सिद्धांत कहा जाता है. आइए इस रहस्मई
ब्रह्माण्ड के बारे में रोचत तथ्य जानते हैं- दूर जा रही हैं. तो कई वैज्ञानिकों ने अनुमानलगाया कि शायद ब्रह्माण्ड शुरू में एक बिंदु केजितना होगा और अचानक हुए एक विस्फोट केद्वारा बने कण, प्रतिकण बने जिन से कईआकाशी पिंडो का निर्माण हुआ. और यह तब से निरंतर फैलते ही जा रहै हैं. इस विस्फोट के समय का अनुमान आज से 15 अरब (15×10 9) साल पहले का लगाया गया है और इसे महाविस्फोटका सिद्धांत कहा जाता है. आइए इस रहस्मईब्रह्माण्ड के बारे में रोचत तथ्य जानते हैं-
1. ब्रह्मांण्ड का अध्ययन करने वाले विज्ञान
को खगोलविज्ञान या अंग्रेजी में astronomy
कहा जाता है. खगोल विज्ञान, विज्ञान की एक
बहुत ही रोचक और रहस्मई शाखा है. खगोल
विज्ञान में बहुत ही दूर स्थित
आकाशी पिंडो का अध्ययन किया जाता है जिसे एक शाधारण मनुष्य सरलता से समझ नही सकता.
खगोल विज्ञान से जुड़े कई सिद्धात बहुत
प्रतलित है. जैसे के विशेष तथा साधारण
सापेतक्षतावाद.
2. आप का T.V. या कोई और आवाज़ पैदा करने
वाला रिकार्डर जा music set जब ठीक से नही चल
रहा होता तब यह जो बेकार सी आवाज पैदा करता है
यह Big Bang(महाविस्फोट) के तुरंत बाद बनने
वाली रेडिऐशन का नतीजा है जो आज 15 अरब साल
बाद भी है.
3. खगोलविज्ञान के अनुसार हम कहते है कि हर
भौतिक वस्तु इस ब्रह्मांण्ड में मौजुद है. इसमें
ही खरबों तारे, सौर मंण्डल और आकाशगंगाएं है. पर
यह सिर्फ सारी वस्तुओं का 25 प्रतीशत ही है.
अभी भी कई ऐसी और चीजों के बारें में
पता लगाया जाना बाकी है.
4. अगर नासा एक पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह
उड़ नही पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा.
क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नही है.
5. क्या आप को पता है श्याम पदार्थ (dark matter) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है
जो दिखता नही पर इसके गुरूत्व का प्रभाव जरूर
पाया गया है. तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम
दिया गया है क्योंकि यह है तो दिखता नही.
6. अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिने तो आप 2000
साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें.
7. महाविस्फोट के बाद ब्रह्माण्ड विस्तारित
होकर अपने वर्तमान स्वरूप में आया . पर आधुनिक
विज्ञान के अनुसार भौतिक पदार्थ प्रकाश
की गति से फैल नही सकता. पर महाविस्फोट
सिद्धांत में तो यह पक्का है कि ब्रह्माण्ड 15
खरब साल में 93 खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका है. (1प्रकाश वर्ष( light year)=प्रकाश के द्वारा एक
साल में तय की गई दूरी). पर इस उलझण
को आइंस्टाइन का साधारण सापेक्षतावाद
का सिद्धात समझाता है. इसके अनुसार
दो आकाशगंगाएँ एक-दुसरे से जितनी दूर है उतने
ही अनुपात से यह और दूर होती जाती है. यह तथ्य थोड़ा समझने में कठिन लगेगा मगर जब इसे ध्यान से
पढ़ेगें तो कुछ-कुछ समझ आ जाएगा.
8. हमारी आकाशगंगा का नाम मंदाकिनी(Milky way) है, हमारा सौर मंण्डल इसी आकाशगंगा में है.
आकाशगंगा का ग्रीक भाषा में अर्थ है- ‘दूध’. अगर
आप एक खगोलीए दूरबीन लेकर आकाशगंगओं
को देखे तो ऐसा लगेगा जैसे दूध की धारा बह रही हो.
9. द लार्ज मेगालीनिक कलाउड आकाशगंगा सभी आकाशगंगाओं से सबसे
ज्यादा चमकदार है. यह केवल दक्षिणी गोलाअर्थ
में ही दिखेगी. यह धरती से 1.7 लाख प्रकाश वर्ष
दूर है और इसका व्यास 39,000 प्रकाश वर्ष है.
10. Abell 2029 ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी आकाशगंगा है. इसका व्यास 56,00,000 प्रकाश वर्ष है और यह
हमारी आकीशगंगा से 80 गुना ज्यादा बड़ी है यह
धरती से 107 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है.
11. धनु बौनी आकाशगंगा की खोज 1994 मे हुई थी और यह सभी आकाशगंगायों से धरती के सबसे करीब है
यह धरती से 70,000 प्रकाश वर्ष दूर है.
12. ऐड्रोमेडा आकाशगंगा नंगी आखों से देखी जाने वाली सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह पृथ्वी से
2309000 प्रकाश वर्ष दूर है. इसमें लगभग 300 खरब (30×10 11) तारे है और इसका व्यास 1,80,000 प्रकाश वर्ष है.
13. ज्यादातर आकाशगंगाओं की शकल अंडाकार है पर
कुछ अपनी शकल बदलती रहती है.
हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी अंडाकार है.
14. Abell 135 IR 1916 आकाशगंगा हमारे ब्रह्माण्ड की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह धरती से
आश्चार्यजनक 13.2 खरब प्रकाश वर्ष दूर है. 2004
में युरोपीय दक्षिणी वेधशाला के खगोलविदों ने इस आकाशगंगा की खोज की घोषणा की .
15. ब्रह्माण्ड कैंलेडर महाविस्फोट के बाद कई खगोलीय और
धरती की घटनाएँ घटित हुई जिसमें
डायनासोरों का जन्म और खातमा शामिल है. यह
सारी चीजे बहुत ही ज्यादा समय में घटित हुई
जिसे कि एक साधारण मनुष्य नही समझ सकता.
इस समस्या से पार पाने के लिए अमरीकी गणितज्ञ और खगोलबिद कार्ल सागन ने ‘ब्रह्माण्ड कैंलेडर’ का सुझाव दिया. इस कैंलेडर में महाविस्फोट से लेकर अब तक के मानव
इतिहास को एक साल में दर्शाया गया है. आइए इस
कैंलैडर की घटनाएँ जानते है.
1 जनवरी 12:00 am —— महाविस्फोट- ब्रह्माण्ड की उत्पती.
15 मार्च —————–पहले सितारो और आकाशगंगाऔ की उत्पती.
1 मई——————- हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी की उत्पती.
8 सितंबर —————हमारे सुर्य की उत्पती.
9 सितंबर ————–हमारे सुर्य मंण्डल की उत्पती.
12 सितंबर ————-पृथ्वी की उत्पती.
13 सितंबर ————-चाँद की उत्पती 20 सितंबर ————-धरती के वायुमंडल की उत्पती.
1 अक्तुबर ————-धरती पे सबसे पहले एक कोशिका जीवो की उत्पती.
7 अक्तुबर ————-सबसे पहले के जाने जाने वाले फासिल(पथराट).
18 दिसंबर ————अनेक cells वाले जीवों की उत्पती.
19 दिसंबर ————पहली मछली.
21 दिसंबर ————पहले स्थली पौदे और कीड़े
23 दिसंबर ———–पहले सरीसृप (रेंगने वाले)
24 दिसंबर ———–पहले डायनासोर
26 दिसंबर ————पहले स्तनपाई
27 दिसंबर ———–पहले पक्षी
28 दिसंबर ———-पहले फूल वाले पौधे.
29 दिसंबर ———-डायनासोरो का खातमा.
31 दिसंबर के रात के 11:55 बजे —–मनुष्यों के कुल इतिहास से अब तक.
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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