वास्तुशास्त्र में मनी प्लांट एक प्रगतिकारक पौधा माना जाता है मनी प्लांट का पौधा घर में लगाने से घर में धन का आगमन बढ़ता और सुख-समृद्धि में इजाफा होता है।
मान्यता के कारण बहुत से लोग अपने घरों में मनी प्लांट का पौधा लगाते हैं। लेकिन मनी प्लांट को लगाने के बाद भी धनागमन में कोई अंतर नहीं होता है बल्कि कई बार आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसका कारण वास्तु विज्ञान में बताया गया है।
वास्तु विज्ञान के अनुसार हर पौधे के लिए एक
दिशा निर्धारित है।
अगर उचित दिशा में पेड़-पौधा लगाते हैं
तो वातावरण की सकारात्मक उर्जा का लाभ
मिलता है। लेकिन गलत दिशा में वृक्षारोपण करने से
लाभ की बजाय नुकसान होने लगता है। वास्तु
विज्ञान में मनी प्लांट का पौधा लगाने के लिए
आग्नेय दिशा यानी दक्षिण-पूर्व को उत्तम
माना गया है। आग्नेय दिशा के देवता गणेश जी हैं
और प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। गणेश जी अमंगल
का नाश करते हैं और शुक्र सुख-समृद्धि का कारक
होता है।
बेल और लता का कारक शुक्र होता है इसलिए
आग्नेय दिशा में मनी प्लांट लगाने इस
दिशा सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है। मनी प्लांट
के लिए सबसे नकारात्मक दिशा ईशान यानी उत्तर
पूर्व को माना गया है। इस दिशा में मनी प्लांट
लगाने पर धन वृद्धि की बजाय आर्थिक नुकसान
हो सकता है।
ईशान का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। शुक्र से
संबंधित चीज इस दिशा में होने पर हानि होती है।
वास्तु विज्ञान के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा के लिए
सबसे उत्तम तुलसी का पौधा होता है। इसलिए ईशान
दिशा में मनी प्लांट लगाने की बजाय चाहें
तो तुलसी लगा सकते हैं।
दरअसल मनीप्लांट मूलतः दक्षिणपूर्व एशिया मूल
का पौधा है। इसकी पत्तियां सदा हरी रहतीं हैं। ये
तने पर एकान्तर क्रम में लगी होती हैं और हृदय
जैसी आकृति वाली होती हैं।
मनी प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि घर
हो या आंगन यह प्लांट कहीं भी आसानी से लग
जाता है। साथ ही यह केवल पानी में
भी लगाया जा सकता है और इसके रखरखाव के लिए भी ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है। इसे घर के अंदर व बाहर दोनों जगह ही रखा जा सकता है।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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