क्या कभी आपने ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हनुमानजी की पूजा नहीं होती है! अगर नहीं सुना तो चलिए हम आपको बता देते हैं।
दरअसल, यह उत्तराखंड के चमोली जिले के एक
गांव की सच्ची कहानी है। चमोली जिले के द्रोणागिरि पर्वत के एक हिस्से
को हनुमानजी संजीवनी बूटी के लिए उठा ले गए थे।
इसी द्रोणागिरि पर्वत पर बसा है द्रोणागिरि गांव। इस गांव के लोग हनुमानजी से नाराज हैं। यहां रहने वाले लोग हनुमान जी
से सिर्फ इसलिए नाराज नहीं हैं, क्योंकि हनुमानजी ने उनकी संजीवनी बूटी
चुरा ली थी, बल्कि इसके और भी कई कारण हैं। ग्रामीणों के मुताबिक जिस वक्त
हनुमानजी संजीवनी बूटी लेने आए थे, तब उनके पहाड़ देवता ध्यान मुद्रा में
थे।
और क्या मान्यता है इस गांव की...
सदियों से स्थानीय लोगों की यह भी
मान्यता रही है कि उनके पहाड़ देवता गांव वालों को दिखाई देते रहे हैं। जब
हनुमानजी बूटी लेने आए तो उन्होंने पहाड़ देवता से इसके लिए अनुमति भी
नहीं ली और न ही उनकी ध्यान साधना पूरी होने का इंतजार किया। हनुमानजी ने
पहाड़ देवता का ध्यान भंग कर दिया था।
इतना ही नहीं हनुमानजी ने पहाड़ देवता की
दाईं भुजा भी उखाड़ डाली। द्रोणागिरि में मान्यता है कि आज भी पहाड़ देवता
की दाईं भुजा से रक्त बह रहा है। यही वजह है कि यहां के लोग आज तक
हनुमानजी से नाराज है और उनकी पूजा नहीं करते।
।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।। ।।जय श्रीकृष्ण।।
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