Tuesday, June 23, 2015

हिंदू धर्म का मजाक उडाने वालो को मेरा उत्तर..

कूछ लोग हिंदू धर्म का मजाक उडा रहे थे,
बोल रहे थे की इनके धर्म मे पेड पौधे, सूरज , नदीयां, जानवरो की पूजा की जाती है।
मैने जो जवाब उन्हे दिया था,
वो मै यहां पोस्ट कर रहा हूं।
मैने कहा -
1. आप एक महीने तक बिजली का
उपयोग करते है, तो उसके अगले महीने, आप अपनी मेहनत की कमाइ से उस बिजली का
बिल चूकाते है,
लेकीन ये सूरज तो हमे लाखो साल से रौशनी
और उर्जा दे रहा है, तो क्या हमे उस सूरज को
उसका बिल नही देना चाहीए,
और क्या इंसानो की इतनी औकात है कि वो
सूरज का बिल चूका सके??
तो बिल नही तो सही कम से कम सूरज के आगे, श्रद्धा से शीश तो झूका ही सकते है ना??

2. आप एक लीटर भी दूध खरीदते है, तो आप
उस दूकानदार को पैसे देते है, लेकीन आप यदि
एक गाय को पालते है, तो वो गाय परमात्मा का
दिया हूआ घांस खाकर आपको अनमोल दूध देती है, क्या हमारा फर्ज नही बनता कि हम गौ को सम्मान दे?

3. आप एक बोतल स्वच्छ पानी खरीदते है, तो
आपको 15रू चूकाना पड़ता है, पर ये गंगा तो
हमे हजारो लीटर स्वच्छ पानी फ्री मे देती है,
(हिन्दुस्तान मे 75% लोग कीसी न कीसी तरह से
अपनी जीवन यापन करने के लिए गंगा पे निर्भर है)
तो क्या हम उस जीवनदायनी गंगा को मां नही
बोल सकते??

4. आप हॉस्पीटल मे थोडा सा ऑक्सीजन खरीदते
है,तो आप उसके पैसे देते है, पर ये पेड पौधे तो हम अरबो इंसानो को फ्री मे ऑक्सीजन फल ,
फूल, लकडी, दवा, रूइ (वस्त्र) देते है, तो हम उन्हे
भी कम से कम सम्मान तो दे ही सकते है ना।

हमारे हिंदू धर्म मे ये बताया जाता है, कि चाहे
कोइ भी जीव हो (ना केवल इंसान) जो तूम्हे प्रत्यक्ष
या अप्रत्यक्ष रूप से जीवन जीने मे तुम्हारी सहायता करती है तुम्हे उन्हे सम्मान देना चाहीए, क्योकी
इंसानो की इतनी औकात ही नही की वो उनका
कर्ज चूका सके,
बोलो चूका सकोगे ??
कर्ज पेडो के फल का,
मां गंगा के निर्मल जल का,
बोलो चूका सकोगे
कर्ज गौ माता के दूध का??
क्या दे सकोगे उर्जा और रौशनी का मूल्य उस
देव सूर्य का।
#एक_ही_विकल्प_हिंदुत्व_सनातन

#जयश्रीराम #जयशिवशंकर

।।जय हिंदुत्व।। ।।जय श्रीराम।। ।।जय महाकाल।।

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